अब समय आ चुका है कि *समान नागरिक कानून* का जो भी मुल्ले, मौलवी, इमाम, उलेमा विरोध कर रहे हैं, उन्हें नजरअंदाज किया जाए या फिर सख्ती पूर्वक उनकी जुबान बंद की जाए।
कोई भी मजहब कभी देश से बड़ा नहीं हो सकता। भारत में जब किसी भी प्रकार के सुधार की बात होती है तो मुस्लिम मजहब के ठेकेदारों चिल्लाने लग जाते हैं कि यह तो हमारे कुरान में लिखा है। यह तो हमारा मजहबी मामला है, आदि।
उन कठमुल्लों को स्पष्ट रुप से यह बात बता देनी चाहिए कि देश आजाद होने के बाद और उससे भी पहले से हिंदुओं ने स्वयं आगे रहकर ऐसी कुरीतियों पर रोक लगाई है जो महिला विरोधी थी। हिंदुओं ने कभी यह नहीं कहा की सती प्रथा, विधवा विवाह, बहुविवाह, बाल विवाह आदि हमारे धार्मिक मामले हैं।
देश के विकास के लिए जब भी जो कानून जरूरी हुए उनका हिंदुओं ने हमेशा स्वागत किया है।
लेकिन भारत में रहने वाले नमकहराम कठमुल्ले हमेशा कुरान की आड़ लेकर देश को बर्बाद करने पर तुले रहते हैं।
भारत में समान नागरिक कानून का इतना विरोध क्यों हो रहा है?? जबकि दुनिया के प्रायः सभी विकसित देशों में समान नागरिक कानून लागू है।
शायद इसलिए कि समान नागरिक कानून लागू होने से ट्रिपल तलाक की सुविधा खत्म हो जाएगी। हलाला के दौरान की जाने वाली मौज मस्ती पर रोक लग जाएगी। तथा बहुविवाह की छूट के चलते लव जिहाद जैसे षड्यंत्रों पर भी रोक लग जाएगी। इन्हीं बातों का डर आज इन कट्टरपंथी मुसलमानों को सताने लगा है। इसीलिए यह लोग *समान नागरिक कानून* के बारे में दुष्प्रचार करने लगे हैं।
भारत में जब तक समान नागरिक कानून लागू नहीं होंगे, तब तक न तो लव जिहाद पर रोक लगेगी, ना ट्रिपल तलाक पर रोक लगेगी, ना हलाला पर रोक लगेगी और ना ही मुसलमानों द्वारा किए जा रहे धर्मांतरण और दो-तीन शादियां करके आठ-दस बच्चे पैदा करने वाली प्रवृत्ति पर रोक लगेगी।
यदि भारत में आजादी के तुरंत बाद सभी नागरिकों के लिए *समान नागरिक कानून* लागू कर दिए जाते तो 1947 में मुस्लिमों की जो जनसंख्या 9% थी, वह आज बढ़कर 14% ना हुई होती।
*समान नागरिक कानून* न होने से ही *मुस्लिम पर्सनल ला* की आड़ में मुसलमानों ने लगातार धर्मांतरण, लव जिहाद, बहुविवाह और अधिकाधिक बच्चे पैदा करके अपनी जनसंख्या में जबरदस्त बढ़ोत्तरी कर ली है।
इसलिए आज वक्त की आवश्यकता है कि हिंदू समाज एकजुट होकर मीडिया और सोशल मीडिया के द्वारा न्यायपालिका और सरकार के साथ खड़ा होकर देश के गद्दार सेकुलर नेताओं और उन कट्टरपंथी मुफ्ती-मौलवी और उलेमाओं की साजिश को बेनकाब करें, जो बड़ी ही चालाकी पूर्वक देश को इस्लामिक मुल्क बनाने की साजिश कर रहे हैं।
जय हिंद। जय भारत।।
कोई भी मजहब कभी देश से बड़ा नहीं हो सकता। भारत में जब किसी भी प्रकार के सुधार की बात होती है तो मुस्लिम मजहब के ठेकेदारों चिल्लाने लग जाते हैं कि यह तो हमारे कुरान में लिखा है। यह तो हमारा मजहबी मामला है, आदि।
उन कठमुल्लों को स्पष्ट रुप से यह बात बता देनी चाहिए कि देश आजाद होने के बाद और उससे भी पहले से हिंदुओं ने स्वयं आगे रहकर ऐसी कुरीतियों पर रोक लगाई है जो महिला विरोधी थी। हिंदुओं ने कभी यह नहीं कहा की सती प्रथा, विधवा विवाह, बहुविवाह, बाल विवाह आदि हमारे धार्मिक मामले हैं।
देश के विकास के लिए जब भी जो कानून जरूरी हुए उनका हिंदुओं ने हमेशा स्वागत किया है।
लेकिन भारत में रहने वाले नमकहराम कठमुल्ले हमेशा कुरान की आड़ लेकर देश को बर्बाद करने पर तुले रहते हैं।
भारत में समान नागरिक कानून का इतना विरोध क्यों हो रहा है?? जबकि दुनिया के प्रायः सभी विकसित देशों में समान नागरिक कानून लागू है।
शायद इसलिए कि समान नागरिक कानून लागू होने से ट्रिपल तलाक की सुविधा खत्म हो जाएगी। हलाला के दौरान की जाने वाली मौज मस्ती पर रोक लग जाएगी। तथा बहुविवाह की छूट के चलते लव जिहाद जैसे षड्यंत्रों पर भी रोक लग जाएगी। इन्हीं बातों का डर आज इन कट्टरपंथी मुसलमानों को सताने लगा है। इसीलिए यह लोग *समान नागरिक कानून* के बारे में दुष्प्रचार करने लगे हैं।
भारत में जब तक समान नागरिक कानून लागू नहीं होंगे, तब तक न तो लव जिहाद पर रोक लगेगी, ना ट्रिपल तलाक पर रोक लगेगी, ना हलाला पर रोक लगेगी और ना ही मुसलमानों द्वारा किए जा रहे धर्मांतरण और दो-तीन शादियां करके आठ-दस बच्चे पैदा करने वाली प्रवृत्ति पर रोक लगेगी।
यदि भारत में आजादी के तुरंत बाद सभी नागरिकों के लिए *समान नागरिक कानून* लागू कर दिए जाते तो 1947 में मुस्लिमों की जो जनसंख्या 9% थी, वह आज बढ़कर 14% ना हुई होती।
*समान नागरिक कानून* न होने से ही *मुस्लिम पर्सनल ला* की आड़ में मुसलमानों ने लगातार धर्मांतरण, लव जिहाद, बहुविवाह और अधिकाधिक बच्चे पैदा करके अपनी जनसंख्या में जबरदस्त बढ़ोत्तरी कर ली है।
इसलिए आज वक्त की आवश्यकता है कि हिंदू समाज एकजुट होकर मीडिया और सोशल मीडिया के द्वारा न्यायपालिका और सरकार के साथ खड़ा होकर देश के गद्दार सेकुलर नेताओं और उन कट्टरपंथी मुफ्ती-मौलवी और उलेमाओं की साजिश को बेनकाब करें, जो बड़ी ही चालाकी पूर्वक देश को इस्लामिक मुल्क बनाने की साजिश कर रहे हैं।
जय हिंद। जय भारत।।
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